ऐसे करें असली DAP पहचान, नकली डीएपी से हो सकता है फसलों में नुकसान
नकली डीएपी खाद की समस्या
बिहार के बेगूसराय में किसान नकली डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) खाद के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। असली खाद की कमी और नकली खाद के उपयोग से न केवल फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है, बल्कि किसानों की आय में भी कमी आ रही है।
नकली खाद का प्रभाव
– फसल उत्पादन में कमी: किसान बताते हैं कि नकली डीएपी का उपयोग करने से फसल की गुणवत्ता और मात्रा में कमी आती है।
– पोषक तत्वों की कमी: नकली खाद में आवश्यक पोषक तत्वों का अभाव होने के कारण मिट्टी की उर्वरता भी घट रही है।
पहचानने की कठिनाई
किसान यह नहीं समझ पाते कि उन्होंने असली या नकली खाद खरीदी है। फसल कटाई के बाद तीन महीने में ही यह पता चलता है कि खाद सही थी या नहीं।
किसानों की जागरूकता की कमी
कई किसानों को यह भी नहीं पता कि खाद के बोरे का वजन क्या है या असली-नकली खाद की पहचान कैसे की जाए।
पहचानने का तरीका
कृषि विशेषज्ञ अंशुमान द्विवेदी के अनुसार, असली और नकली डीएपी की पहचान के लिए:
– कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह चूना मिलाकर मलें।
– अगर तेज गंध निकले, तो यह असली है।
समाधान के उपाय
– किसानों को जागरूक करना: किसानों को नकली खाद की पहचान और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
– सरकारी जांच: बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कड़ी जांच और नियंत्रण की आवश्यकता है, ताकि नकली खाद के व्यापार पर अंकुश लगाया जा सके।
नकली डीएपी खाद की समस्या से निपटने के लिए जागरूकता और सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है, ताकि किसान उचित उत्पादन प्राप्त कर सकें और अपनी आय में सुधार कर सकें।